भाजपा के खिलाफ महागठबंधन के लिए कांग्रेस को देनी पड़ेगी बड़ी कुर्बानी, भाजपा के खिलाफ विपक्ष के एक ही उम्मीदवार की तैयारी

0


                 विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व और जदयू-राजद बुधवार की बैठक को ऐतिहासिक तो बता रहा है लेकिन जो फार्मूले प्रस्तावित हैं उसपर अमल किया गया तो कांग्रेस को बड़ी कुर्बानी देनी होगी। नीतीश कुमार ( Nitish Kumar ) बीजेपी को दिल्ली की सत्ता से हटना के लिए विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं। 



              दूसरी ओर बीजेपी विपक्षी एकता को बिहार और झारखंड में ही चित करने की रणनीति पर काम कर रही है। बीजेपी दोनों राज्यों में क्लीन स्वीप करने के लिए एक नहीं दो-दो प्लान तैयार किया है। और दोनों प्लान पर बीजेपी लगातार काम कर रही है। चर्चा है कि बीजेपी का पहला प्लान है छोटे पार्टियों को NDA का हिस्सा बनाना और दूसरा कद्दावर नेताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी।



ममता फॉर्मूला
                पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फार्मूला दिया कि जिस पार्टी का जिस सीट पर ज्यादा वर्चस्व है यानी जो पार्टी पिछले सुनाओ मैं फर्स्ट या सेकंड नंबर पर रही थी उस सीट पर उसी पार्टी का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा, उस सीट  पर अपने गठबंधन में से कोई उस पार्टी के सामने चुनाव नहीं लड़ेगा । इस प्रकार तो पंजाब में आम आदमी का वर्चस्व है, यूपी में समाजवादी पार्टी का वर्चस्व है, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का वर्चस्व है, बिहार में वैसे भी पहले से गठबंधन सरकार चल रही है, यहां पर कांग्रेस का उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ पाएगा, यह कांग्रेस के लिए एक चुनौती होगी क्योंकि यह सब बड़े राज्य है। जबकि इन राज्यों में कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता है, चुनाव नहीं लड़ने की वजह से आलाकमान या पार्टियों से नाराज हो सकते हैं।



                 लेकिन यह फार्मूला आला कमान के पदाधिकारियों  तक ही सीमित रहेगा । क्योंकि राजनीतिक विश्लेषक यह कयास लगा रहे हैं कि अगर यह फार्मूला लागू कर दिया तो जिस क्षेत्र में जो पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही है उस क्षेत्र के जो कार्यकर्ता यह उम्मीद लगाए बैठा था कि मुझे टिकट मिलेगा और मैं चुनाव लड़ूंगा ऐसे में टिकट नहीं दिया और सुनाओ लड़ने की अनुमति नहीं दी गई तो रूठ जाएगा और वह निर्दलीय चुनाव लड़ेगा इसलिए यह उस पार्टी के लिए नई चुनौती खड़ी हो जाएगी। पार्टी से नाराज होकर जो मितवा निर्दलीय चुनाव लड़ रहा है उसके पास में वोट बैंक भी होता है ऐसे में यह मुख्य पार्टी के लिए घातक सिद्ध होगा। 


              आम आदमी पार्टी केजरीवाल ने इस गठबंधन से नाराजगी जाहिर की है गठबंधन मीटिंग में तो आए थे लेकिन मीडिया कांफ्रेंस में सामने नहीं आए।




और पढ़ें-


एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें (0)